उत्तराखंड में इस समय चारधाम यात्रा के चलते भारी संख्या में भीड़ उमड़कर आ रही है और इस साल बीते वर्षों की तुलना में कई अधिक श्रद्धालु पहुँच रहे हैं तथा इस बार कई नए रिकॉर्ड भी बने हैं। लेकिन प्रदेश में अब बारिश का सिलसिला शुरू हो चुका और कुछ दिनों में मानसून की बारिश भी होने लगेगी इसके चलते तीर्थयात्रियों की संख्या में भी कमी आती है और वर्षाकाल के दौरान उड़ान भरना जोखिम भरा होता है, इसलिए शुक्रवार को केदारनाथ धाम में सेवा दे रही 6 कंपनियां पवन हंस, आर्यन, पवन हंस, ग्लोबल वेक्ट्रा, केस्टल, थुम्बी, ऐरो हेली ने वर्षाकाल के लिए अपनी सेवाएं बंद कर दी है। इन्होने शुक्रवार 12 बजे तक ही अपनी अंतिम सेवा दी और इसके बाद अपना सामन समेटकर वापस दिल्ली के लिए रवाना हो गए।

प्रथम चरण यात्रा शुरू होने से जून के अंत तक और दूसरा चरण वर्षाकाल की समाप्ति के बाद सितंबर के पहले या दूसरे सप्ताह से कपाट बंद होने तक चलता है। अभी जून की समाप्ति में एक सप्ताह से अधिक समय है, लेकिन आर्यन, पवन हंस, क्रेस्टल, थुम्बी, ग्लोबल वेक्ट्रा और ऐरो हेली कंपनी ने शुक्रवार को ही सेवा बंद कर दी। इससे पहले दोपहर 12 बजे तक कंपनियों ने सेवाएं दीं।

हेली सेवा के नोडल अधिकारी राहुल चौबे ने बताया कि ट्रांसभारत और हिमालय हेली वर्षाकाल में भी सेवाएं देती रहेंगी। नोडल अधिकारी ने बताया कि इस वर्ष अब तक केदारनाथ धाम के लिए 10,027 उड़ानें संचालित की गई हैं। हेली सेवा की शुरुआत कपाट खुलने वाले दिन यानी 10 मई से हो गई थी और प्रतिदिन औसतन 1,500 तीर्थयात्री हेली सेवा से धाम पहुंचे।