हरिद्वार महाकुंभ 2021ः सीएम तीरथ सिंह रावत कुंभ से हटाई पाबंदी, चलेंगी चार गुना बसें
मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने कहा कि महाकुंभ कोई हर साल आने वाला त्योहार नहीं है। यह 12 साल में आता है और करोड़ों श्रद्धालुओं को वर्षों से इसका इंतजार रहता है। इसलिए महाकुंभ में आने के लिए श्रद्धालुओं पर कोई रोक-टोक नहीं होगी। महाकुंभ की भव्यता को लेकर खड़े हो रहे संशयों और फैलाए जा रहे संदेशों को खत्म किया जाएगा।
मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने कहा कि महाकुंभ कोई हर साल आने वाला त्योहार नहीं है। यह 12 साल में आता है और करोड़ों श्रद्धालुओं को वर्षों से इसका इंतजार रहता है। इसलिए महाकुंभ में आने के लिए श्रद्धालुओं पर कोई रोक-टोक नहीं होगी। महाकुंभ की भव्यता को लेकर खड़े हो रहे संशयों और फैलाए जा रहे संदेशों को खत्म किया जाएगा।
एक अप्रैल से महाकुंभ को और विस्तार दिया जाएगा। श्रद्धालुओं के आने और जाने के लिए चार गुना अधिक बसें चलेंगी। स्पेशल ट्रेनों के संचालन के लिए भी रेलवे से वार्ता की जाएगी। सीएम ने कहा कि बिना जनता जनार्दन और संतों के महाकुंभ कैसे हो सकता है।
रविवार को मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने यह बातें ऋषिकुल आयुर्वेदिक कॉलेज में सक्षम (समदृष्टि, क्षमता विकास एवं अनुसंधान मंडल) की ओर से आयोजित नेत्र कुंभ के उद्घाटन पर कहीं। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में कोरोना तब भी कुछ नहीं बिगाड़ पाया, जब देश में पूरे चरम पर था। अब परिस्थितियों में काफी सुधार है
इसलिए महाकुंभ के आयोजन में कोई परेशानी नहीं होनी चाहिए।
पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की सरकार से उलट तीरथ सरकार चाहती है कि कुंभ में जो आना चाहता है वह बिना रोकटोक आए। कोरोना संक्रमण को देखते हुए पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सरकार की कोशिश थी कि लोग कम आएं। इससे भीड़ और कोरोना दोनों का ही प्रबंधन आसान हो जाता।
त्रिवेंद्र सरकार की नीति
1. कुंभ में लोगों का सुविधाएं दी जाएं, लेकिन लोग सीमित संख्या में आए जिससे कोरोना विस्फोट का खतरा कम से कम हो
2. अन्य राज्यों से बसें न लगाई जाएं, स्पेशल ट्रेन न चले
3. कुंभ की अवधि कम से कम हो
4. आरअीपीसीआर टेस्ट भी डिटेरेंट (बाधा) का काम करेगा। टेस्ट की व्यवस्था की जाए। लोग अपने साथ कोरोना नेगेटिव रिपोर्ट लेकर आएं।
तीरथ सरकार की नीति
1. कुंभ में लोगों को सुविधाएं दी जाएं, लोगों के आने पर किसी तरह से बाधा खड़ी न की जाए। कोरोना के मामलों में कमी आ रही है, वैक्सीन का भी प्रभाव पड़ेगा।
2. लोगों की आवाजाही अबाध रखी जाए, बसों की संख्या बढ़ाई जाए।
3. कुंभ की अवधि पर अभी सरकार ने विचार नहीं किया। एक अप्रैल से अधिसूचना लागू होने की संभावना।
4. किसी तरह की बाधा खड़ी न की जाए, आरटीपीसीआर का व्यवहारिक पक्ष देखा जाए। लोगों को मास्क, सैनिटाइजर दिए जाएं।