दिल्ली के बुराड़ी में बन रहे केदारनाथ धाम के प्रतिकात्मक मंदिर का नाम अब बदल जाएगा। उत्तराखंड में संत समाज के विरोध के बाद मंगलवार को श्री केदारनाथ धाम दिल्ली ट्रस्ट ने ट्रस्ट और मंदिर का नाम बदलने का निर्णय लिया है। ट्रस्ट के संस्थापक और राष्ट्रीय अध्यक्ष सुरेंद्र रौतेला ने कहा कि कुछ लोगों की धाम शब्द को लेकर नाराजगी है। जिसे देखते हुए दोनों के नाम से धाम शब्द हटा दिया जाएगा। ट्रस्ट की ओर से इसकी प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। उन्होंने कहा कि दिल्ली में केदारनाथ धाम नहीं बल्कि केदारनाथ मंदिर का निर्माण किया जा रहा है। उसके बाद भी कुछ लोग इस मुद्दे को तूल देने की कोशिश कर रहे हैं।
अध्यक्ष सुरेंद्र रौतेला ने मीडिया से वार्ता में कहा कि दिल्ली में केदारनाथ धाम नहीं बल्कि केदारनाथ मंदिर का निर्माण किया जा रहा है। उसके बाद भी कुछ लोग इस मुद्दे को तूल देने की कोशिश कर रहे हैं। उत्तराखंड में स्थित बाबा केदारनाथ करोड़ों लोगों की आस्था के केंद्र हैं और हमेशा रहेंगे, इसलिए लोगों की आस्था से खिलवाड़ का कोई सवाल ही नहीं उठता। हम केवल दिल्ली में केदारनाथ मंदिर का निर्माण कर रहे हैं। भगवान शिव का एक मंदिर बना रहे हैं और ये पहली बार नहीं है जब बाबा भोलेनाथ का किसी स्थान पर मंदिर बन रहा हो, लेकिन कुछ लोग अपने राजनीतिक लाभ के लिए इसे केदारनाथ धाम से जोड़ने की कोशिश कर रहे हैं। यह सिर्फ और सिर्फ एक मंदिर है।
बता दें कि दिल्ली के बुराड़ी के हिरंकी में 10 जुलाई को उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने केदारनाथ धाम के प्रतिकात्मक मंदिर का भूमि-पूजन कर शिलान्यास किया था। मंदिर के शिलान्यास के बाद से ही केदारघाटी से लेकर केदारनाथ धाम तक तीर्थ-पुरोहित एवं संत समाज में आक्रोश पनप गया था। केदारघाटी में जगह-जगह प्रदर्शन किया जा रहा था। वहीं केदारनाथ धाम में तीर्थ-पुरोहित समाज, साधु-संत और व्यापारियों ने धरना-प्रदर्शन किया। तीर्थ पुरोहित समाज की ओर से बार-बार सीएम धामी से मामले में खंडन की मांग की जा रही थी। साथ ही साथ तीर्थ पुरोहित समाज का शिष्टमंडल भी सीएम धामी से मिला था।