उत्तराखंड में नगर निकाय चुनाव से पहले प्रवर समिति के पास ओबीसी आरक्षण का मामला जाने के बाद शुरू हुआ इंतजार फिलहाल सरकार की नई समय सारिणी से दूर हो गया है। अब निकाय चुनाव दिसंबर में होंगे। इसी हिसाब से राज्य निर्वाचन आयोग ने भी तैयारियां तेज कर दी हैं। पहले सरकार ने हाईकोर्ट में अक्तूबर में निकाय चुनाव की समय सारिणी दाखिल की थी। इसी हिसाब से तैयारियां भी चल रही थीं लेकिन विधानसभा में पेश ओबीसी आरक्षण संशोधन विधेयक को प्रवर समिति को भेज दिया गया था। इससे निकाय चुनाव की तारीख पर संशय पैदा हो गया था। प्रवर समिति को 23 सितंबर तक अपनी रिपोर्ट देनी है।
आगामी त्यौहारी सीजन को ध्यान में रखते हुए अब नई समय सारिणी जारी की गई है। जिसके अनुसार अब स्थानीय चुनाव की अधिसूचना 10 नवंबर को जारी होगी, जबकि निर्वाचन प्रक्रिया 25 दिसंबर को पूरी होगी। निदेशक शहरी विकास नितिन भदौरिया के इस आशय के शपथपत्र के बाद हाईकोर्ट ने निकाय चुनाव से संबंधित जनहित याचिकाओं को निस्तारित कर दिया है। पूर्व में सरकार ने 25 अक्टूबर तक चुनाव प्रक्रिया पूरी करने का शपथपत्र दिया था। इसके बाद सरकार ने अल्मोड़ा व पिथौरागढ़ नगरपालिका अपग्रेड कर नगर निगम बनाने की अधिसूचना जारी की। जिसके बाद सरकार को नया कार्यक्रम बनाना पड़ा।
शुक्रवार को मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति ऋतू बाहरी व न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खंडपीठ में जसपुर के मोहम्मद अनवार की जनहित याचिका पर सुनवाई हुई। इस दौरान सरकार की ओर से नया शपथपत्र पेश किया। साथ ही बताया कि राज्य निर्वाचन आयोग से विचार विमर्श के बाद तीन सितंबर को सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार ओबीसी , एससी-एसटी आरक्षण पर एकल आयोग की रिपोर्ट को अंतिम रूप दिया गया।