उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्रों में हो रही भारी वर्षा के चलते राज्य में नदी-नाले उफान पर हैं। ऋषिकेश में गंगा नदी भी उफान पर आने लगी है। ऋषिकेश त्रिवेणी घाट में शुक्रवार सुबह गंगा के जल स्तर में बढ़ोतरी दर्ज की गई। सुबह 11 बजे गंगा का जल स्तर सर्वाधिक 339.26 मीटर तक पहुंचा, जो चेतावनी रेखा से महज 24 सेमी नीचे था। इस दौरान गंगा आरती घाट तक पानी पहुंच गया। बंगाल की खाड़ी में बने डिप्रेशन (अवदाब) सिस्टम से उत्तराखंड के मौसम में अचानक से आए बदलाव के चलते दो दिन तक लगातार बारिश हुई। दो दिनों के अधिकतम तापमान में गिरावट दर्ज की गई। हालांकि शनिवार से प्रदेश भर में बारिश हल्की होने से लोगों को राहत मिलेगी। जबकि आज कुमाऊं में भारी बारिश की चेतावनी जारी की गई है।
बदरीनाथ और हाईवे बंद होने के कारण कई तीर्थयात्री और स्थानीय लोग भी जगह-जगह पर फंस गए थे। प्रशासन की टीम ने कई यात्रियों को तो आसपास ही रुकवा दिया, जबकि कई यात्री मार्ग खुलने के बाद रवाना हुए। इधर, खराब मौसम के कारण केदारनाथ यात्रा लगातार दूसरे दिन बंद रही। बारिश और मलबा आने से राज्य में 324 मार्ग बंद हैं। राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र के अनुसार, सबसे अधिक 57 मार्ग पौड़ी जिले में बंद हैं। नैनीताल में 56, चमोली में 50, पिथौरागढ़ में 42, चंपावत में 39, अल्मोड़ा, टिहरी और रुद्रप्रयाग में 17-17, देहरादून में 13, बागेश्वर में नौ, उत्तरकाशी में पांच, ऊधमसिंह नगर दो सड़कें बंद है।
बारिश की बात करें तो बीते 24 घंटे में सिर्फ देहरादून में 22.2 एमएम बारिश हुई, जो सामान्य से 118 फीसदी अधिक है। जबकि प्रदेश भर में 49.3 एमएम बारिश हुई, जो सामान्य से 476 फीसदी अधिक है। मौसम वैज्ञानिक रोहित थपलियाल ने बताया, डिप्रेशन सिस्टम की वजह से दो दिन प्रदेश भर में लगातार बारिश हुई, जो तापमान में गिरावट की सबसे बड़ी वजह है। हालांकि 14 सितंबर के बाद इस सिस्टम का असर नहीं दिखेगा। इसके साथ ही प्रदेश भर में बारिश का सिलसिला कम होने के साथ कुछ जिलों में थम जाएगा।