उत्तराखंड में उमड़ रहे श्रद्धालुओं के सैलाब से जहां चारों धामों में भक्तिमय वातावरण बना हुआ है। वहीं यात्रियों सुरक्षा को देखते हुए 31 मई तक ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन स्थगित करने के निर्देश मुख्यमंत्री ने दिए हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने श्रद्धालुओं की सुरक्षा और सुविधा को देखते हुए जनहित में इस निर्णय को जरूरी बताया है। वहीं 20 जून तक चारो धामों की ऑनलाइन बुकिंग भी फुल हो चुकी है। उत्तराखंड में 10 मई से चारधाम यात्रा शुरू हुई है। यात्रा शुरू होने के साथ ही श्रद्धालुओं का सैलाब इस तरह उमड़ रहा है कि चारों धामों में क्षमता से अधिक श्रद्धालु दर्शन के लिए पहुंच रहे हैं। केदारनाथ धाम में तो रात के समय भी श्रद्धालुओं का रैला नजर आ रहा है। रातभर बाबा केदार के जयकारों से केदारघाटी भी गुंजायमान हो रही है।

केदारनाथ में ही अब तक ढाई लाख के लगभग श्रद्धालु बाबा केदार के दर्शन करने पहुंच चुके हैं। बद्रीनाथ, केदारनाथ गंगोत्री और यमुनोत्री धाम में रोजाना औसतन 70,000 से ज्यादा तीर्थयात्री दर्शन करने पहुंच रहे हैं। चारधाम यात्रा पंजीकरण का आंकड़ा भी 29,52,000 तक पहुंच गया है। धामों के कपाट खुलने के बाद से ही भारी संख्या में श्रद्धालु उत्तराखंड पहुंच रहे हैं। यात्रा शुरू होने के बाद बेतहाशा आए श्रद्धालुओं की भीड़ के कारण शुरू में यात्रा व्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए पूरे सरकारी तंत्र को खासी मशक्कत करनी पड़ी, लेकिन अब धीरे-धीरे यात्रा व्यवस्था पटरी पर आ रही है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि चारों धामों में निर्धारित संख्या के हिसाब से ही श्रद्धालुओं को भेजा जाए। ऐसे श्रद्धालु जो बिना पंजीकरण उत्तराखंड की सीमा में प्रवेश कर चुके हैं, उन्हें राज्य के अन्य धार्मिक, पौराणिक और पर्यटक स्थलों पर जाने के लिए भी प्रेरित करने का सुझाव दिया। उन्होंने चारधाम यात्रा से जुड़े सभी विभागों को 24 घंटे अलर्ट मोड पर रहने और आपसी समन्वय बनाकर काम करने का भी निर्देश दिया।