Uttarakhand

उत्तराखंड में सामने आया एक और घोटाला… स्कूल, कब्रिस्तान और NH-74 की जमीन पर उगा दिए धान

प्रदेश के ऊधमसिंह नगर में बड़े पैमाने पर धान खरीद घोटाला सामने आया है। मामला धान खरीद सत्र 2021-22 का है। यहां किसानों की ओर से ऐसी भूमि पर धान उगाना दर्शाया गया है, जिस पर पहले से स्कूल, कब्रिस्तान, एनएच-74 और शमशान घाट बने हुए हैं। प्रदेश में समर्थन मूल्य योजना के तहत बीते वर्ष धान खरीद सत्र में क्रय एजेंसी उत्तराखंड सहकारिता संघ (यूसीएफ) के माध्यम से संचालित धान क्रय केंद्र नकटपुरा में मानक से अधिक तौल की गई। जिले के एक अकेले धान खरीद केंद्र नकटपुरा की जांच में 46 किसानों का 6520 कुंतल अतिरिक्त धान तौला गया है, जो वास्तव में कहीं उगाया ही नहीं गया। इसकी कीमत करीब एक करोड़ 27 लाख रुपये बैठती है।

जिले में वर्ष 2021-22 में ऐसे करीब 200 धान खरीद केंद्र थे, जिनकी जांच होनी बाकी है। अभी तक इनमें से उप निबंधक स्तर पर नौ सेंटरों की जांच की जा चुकी है। इनमें नौ सेंटरों में से जिला प्रशासन के स्तर पर एक सेंटर की जांच ही पूरी हो पाई है। एक हेक्टेयर भूमि पर करीब 60 कुंतल धान की पैदावार होती है। यहां करीब 108 हेक्टेयर अतिरिक्त भूमि पर धान उगाना दिखाया गया है। इस पर उप निबंधक सहकारी समितियां कुमाऊं मंडल की ओर से जिलाधिकारी ऊधमसिंह नगर को पत्र लिखकर संबंधित किसानों की राजस्व अभिलेखों में दर्ज कुल भूमि का सत्यापन कराया गया तो चौंकाने वाले आंकड़े सामने आए। किसानों की ओर से जिस भूमि पर यह धान उगाना दिखाया गया, वह भूमि राजस्व अभिलेखों में उनके नाम दर्ज ही नहीं है।

सरकार के भू-लेख पोर्टल पर कतिपय किसानों की ओर से पोर्टल पर अपलोड की गई भूमि, जिसके आधार पर धान खरीद की गई है, ऐसी भूमि कब्रिस्तान, शमशान और स्कूल भवन दर्ज है। उपनिबंधक सहकारी समितियां के अनुरोध पर जिलाधिकारी की ओर से कराई गई जांच में इसकी पुष्टि हुई है। गड़बड़ी कैसे की गई, उदाहरण के तौर पर हम इसे ऐसे समझते हैं। एक किसान जिसका खाता संख्या 144 है। किसान ने 0.773 हेक्टेयर जमीन पर धान उगाना दिखाया है, जबकि जांच में सामने आया है किसान के पास मात्र 0.126 भूमि है। किसान ने भूलेख पोर्टल पर जो खसरा नंबर दर्शाया है, उस पर कब्रिस्तान है। एक अन्य मामले में किसान की ओर से खाता संख्या 00156 में कुल जमीन 2.09 दर्शायी गई है, जबकि किसान के खाते में मात्र 0.3670 जमीन दर्ज है। दर्शायी गई जमीन पर एक इंटर कॉलेज स्थापित है, जिसका मालिक कोई और है। जांच में ऐसे करीब 46 मामले पकड़ में आए हैं।

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