Uttarakhand

उत्तराखंड: नंदी हत्याकांड का हुआ खुलासा… उधार पर बीड़ी नहीं देना बना हत्या की वजह

हल्द्वानी मंडी क्षेत्र के गोरापड़ाव में 5 मई को हुए नंदी देवी हत्याकांड का खुलासा पुलिस ने आज कर दिया है। पुलिस पूछताछ में मनोज पुरी ने हत्या की वजह भी बेहद चौंकाने वाली बताई। पुलिस के मुताबिक, 5 मई 2023 को रोहित मेहरा पुत्र गोपाल सिंह मेहरा निवासी अमिया अमृतपुर भीमताल व लक्ष्मण सिंह बर्गली पुत्र जगत सिंह बर्गली निवासी इंद्रपुरी चोरगलिया ने कोतवाली हल्द्वानी में आकर तहरीर दी कि 5 मई 2023 को रोहित मेहरा अपने घर से शादी समारोह फूलचौड़ को जा रहे थे। उसकी पुत्री का वाकर सास नंदा देवी निवासी की अर्जुनपुर गोरापड़ाव के घर में ही था। जिसके लिए अपनी सास को फोन किया तो उनका फोन स्विच ऑफ आ रहा था।

तब वह अपनी सास के घर पर समय 1:45 बजे दोपहर गया तो देखा कि सास के घर के आगे उनकी दुकान है जो सास चलाती हैं वह भी बंद थी। आवाज लगाने पर कोई उत्तर नहीं आया, घर का मेन गेट देखा जोकि आधा खुला हुआ था। वह अंदर गया तो देखा कि मेन गेट का ताला चाबी अंदर कमरे के बरमदे में रखे घड़े के ऊपर थे तथा कमरे के दरवाजे का ताला चाबी जमीन पर गिरा हुआ था और कमरे खुले हुए थे। जैसे ही वादी ने घर के कमरे में देखा तो कमरे के अंदर दरी खून से सनी हुई थी तथा सास को मारकर कमरे से घसीटते बरमादे से होकर बाथरूम तक ले जाने के खून के निशान पड़े थे। बाथरूम का आधा दरवाजा खुला हुआ था तथा सास का सिर खून से सना था जो टब के अंदर डाला हुआ था जिसमें काफी खून दिख रहा था और उनके गले में दुपट्टा कसकर बांधे हुए था।

वादी ने तत्काल डायल 112 पर कॉल करके पुलिस को बुलाया। सूचना मिलते ही पुलिस तुरंत मौके पर पहुंची। तहरीर के आधार पर कोतवाली हल्द्वानी में मुकदमा दर्ज किया गया था। हत्याकांड के खुलासे को लेकर कई पुलिसकर्मियों की टीमें लगाई गई थी। आखिरकार 12 दिन बीत जाने के बाद पुलिस नंदी के कातिल तक पहुंच गई। नंदी का हत्यारा कोई और नहीं बल्कि उसी के पड़ोस में रहने वाला किरायेदार निकला। दरअसल, पुलिस को मुखबिर से सूचना मिली कि, किसी व्यक्ति ने जुए में पैसे हारने के बाद एक मोबाईल जुए में ही एक स्थानीय व्यक्ति के पास यह कहकर गिरवी रखा गया था कि अगले दिन पैसे वापस देकर मोबाईल वापस ले जाऊंगा लेकिन उक्त व्यक्ति गिरवी रखे गये मोबाईल को वापस नहीं ले गया है और काफी दिनों से अपने घर से गायब है।

पुलिस ने इसकी जांच कर जिस व्यक्ति के पास मोबाईल गिरवी रखा गया था उस व्यक्ति से मोबाईल लेकर उसे चैक किया गया तो वह मोबाईल मृतका नंदी देवी का निकला। मोबाईल नंदी की हत्या के बाद घर से लूटा गया पाया गया। मोबाईल गिरवी रखने वाले व्यक्ति के सम्बन्ध में कई लोगों से जांच करने पर उक्त व्यक्ति का नाम मनोज पुरी निवासी नवाबगंज बरेली उत्तर प्रदेश ज्ञात हुआ कि उक्त व्यक्ति मृतका के पड़ोस के ही एक स्थानीय व्यक्ति के मकान में किराये में अकेले निवास करता है तथा गौला में रेता/बजरी भरने का कार्य करता है। मनोज पुरी को तलाश करने पर वह घर से गायब मिला जिसकी तलाश हेतु मुखबिर लगाए गए। जहां आज 17 मई को मुखबिर की सूचना पर पुलिस ने मनोज पुरी पुत्र शंकर निवासी हररपुर मटकली तहसील नवाबगंज थाना हाफिजगंज जिला बरेली यूपी को डिबेर तिराहा गोरापड़ाव से सुबह 09:20 बजे गिरफ्तार किया।

मनोज पुरी ने बताया कि मैं 4 मई को पड़ोस की नंदी आन्टी की दुकान में बीड़ी का बण्डल लेने गया था मेरे पास खुले पैसे नहीं थे। तो मैंने उनसे बीड़ी का बण्डल उधार मांगा तो आन्टी ने मुझसे नाराज होकर बोला कि पता नहीं कहां-कहां से कुत्ते साले उधार मांगने आ जाते हैं। मैंने उनसे बोला बीड़ी का बण्डल उधार नहीं देना है तो मत दो मैं जा रहा हूँ। लेकिन ऐसे अपशब्द नहीं बोलो तो वह और ज्यादा गन्दे तरीके से अपशब्द कहने लगी। नन्दी आन्टी द्वारा बोले गये अपशब्द मेरे दिल में बूरी तरह चुभ गये फिर में अपने कमरे में आ गया। कमरे पर नन्दी आन्टी के कहे गये अपशब्द सोच – सोच कर मुझे बहुत गुस्सा आने लगा और मैने यह तय कर लिया कि मैं इस औरत को नहीं छोडूंगा और जान से मार दूँगा चूँकि मुझे पैसों की भी तंगी थी तो सोचा कि नन्दी आन्टी के घर पर जो भी माल मिलेगा वो भी ले आऊंगा।

फिर उसी कमरे में ही आन्टी को कैसे मारूंगा इस बात का प्लान सोचने लगा चूँकि उस सड़क में काफी लोगों एवं वाहनों का आना जाना रहता हैं इस कारण मैं रात्रि के सुनसान समय का इन्तजार करने लगा और रात्रि दो बजे करीब जब मैंने देखा कि अब सब लोग सो गये हैं और गाडियों की आवाजाही भी कम हो गयी है तो मैंने अपने कमरे से चारपाई के नीचे रखा हथौडा ऊठाया और अपनी कमर में डालकर आन्टी के घर की ओर चला सोचा रोड से निकलूंगा तो कोई मुझे देख लेगा इसलिए मैं अपने घर के सामने स्थित जंगल से होता हुए सीधे आन्टी के घर के सामने रोड पर निकला और वाटर पार्क वाले जंगल में जाने वाले रास्ते पर छिप गया।

वहाँ से आन्टी का दरवाजा साफ दिखाई देता है मैने आन्टी के बाहर आने का इन्तजार किया करीब दो बजकर तीस मिनट पर में जंगल से निकला और रोड पार कर आन्टी की दीवार कूदकर अन्दर दरवाजे के बगल में आंगन में छिप गया काफी देर इन्तजार करने के बाद दरवाजा खोलने की आवाज आयी मैं दरवाजे के सामने हाथ में हथौडा लेकर खड़ा हो गया आन्टी ने जैसे ही दरवाजा खोला और पर्दा हटाया जैसे उनकी नजर मुझ पर पड़ी तो वह सकपकाकर एकदम चिल्लाई फिर मैंने एकदम से अपने हाथ में पकडे हुए हथौडे से आन्टी के सिर पर जोरदार वार किया आन्टी अपने घर के अन्दर की ओर गिर गयी फिर मैने पांच – छः बार लगातार हथौडे से आन्टी के सिर पर वार किये जिससे आन्टी चित हो गयी फिर मैंने उसके गले में पहने दुपट्टे से उसका गला गांठ लगाकर घोंट दिया।

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