Uttarakhand

गंगा में मेडल बहाने के ऐलान से लेकर WFI को चेतावनी तक, पहलवानों के ‘दंगल’ Part-2 की पूरी कहानी

साक्षी मलिक, विनेश फोगाट, बजरंग पुनिया समेत कई बड़े खिलाड़ी अपने मेडल गंगा में बहाने के लिए हरिद्वार पहुंचे. पहलवानों के पहुंचने के बाद उनके आस पास बड़ी संख्या में लोग जमा हो गए. इनमें से कुछ लोगों को ये अपील करते हुए सुना गया कि पहलवान अपने मेडल गंगा में न बहाएं. पहलवानों के पहुंचने के घंटे भर बाद पश्चिमी उत्तर प्रदेश के किसान नेता नरेश टिकैत अपने समर्थकों के साथ पहलवानों को मनाने के लिए हरिद्वार में हर की पौड़ी पर पहुंचे. इससे पहले उनके छोटे भाई राकेश टिकैत ने भी पहलवानों से अपील की थी कि वे गंगा में मेडल न बहाएं. पहलवानों ने अपने मेडल नरेश टिकैत को सौंप दिए हैं.

खिलाड़ी अपने मेडल लेकर मालवीय घाट पास बैठ गए। इससे पहले पहलवान मेडल हाथों में लेकर रो पड़े। आसपास के कई लोगों की आंखें भी पहलवानों को देखकर नम हो गईं। दूसरी तरह भाजपा नेता बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी की। आंदोलनकारी पहलवानों के समर्थन में काफी संख्या में कांग्रेसी नेता और कार्यकर्ता भी हरिद्वार पहुंचे हैं। वहीं, पहलवानों के पहुंचते ही हरकी पैड़ी पर लोगों की भीड़ जुट गई। खिलाड़ियों ने कहा कि मेडल हमारी जान हैं, हमारी आत्मा हैं। इनके गंगा में बह जाने के बाद हमारे जीने का भी कोई मतलब रह नहीं जाएगा। इसलिए हम इंडिया गेट पर आमरण अनशन पर बैठ जाएंगे।

कहा कि पहलवान अंदर से ऐसा महसूस कर रही हैं कि इस देश में हमारा कुछ बचा नहीं है। हमें वे पल याद आ रहे हैं जब हमने ओलंपिक, वर्ल्ड चैंपियनशिप में मेडल जीते थे। अब लग रहा है कि क्यों जीते थे। उन्होंने कहा कि इन मेडलों को हम गंगा में बहा रहे हैं। क्योंकि वह गंगा मा हैं। ये मेडल सारे देश के लिए ही पवित्र हैं और पवित्र मेडल को रखने की सही जगह पवित्र मां गंगा ही हो सकती है। दूसरी तरफ गंगा सभा के अध्यक्ष नीतिक गौतम ने खिलाड़ियों के मेडल गंगा में विसर्जन करने का विरोध किया है। उन्होंने कि गंगा को राजनीति का अखाड़ा न बनाएं।

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