Uttarakhand

पहाड़: दुष्कर्मी भाई को फांसी की सजा, पांच वर्षीय सौतेली बहन से किया था दुष्कर्म

उत्तराखंड में जिला फॉस्ट ट्रेक कोर्ट ने पांच वर्षीय बालिका के साथ छह माह तक दुष्कर्म करने वाले सौतेले बड़े भाई को फांसी की सजा सुनाई है। इस मामले अत्यधिक घृणित बताया है। वही पीडि़ता को सात लाख रुपये का प्रतिकर देने के आदेश दिए गए हैं। यह वाकया अप्रैल 2021 का है। नेपाली मूल का जनक बहादुर अपने दो नाबालिग बच्चों और पांच वर्ष की सौतेली बहन के साथ पिथोरागढ़ जाजरदेवल थाना क्षेत्र के अंतर्गत रहता था। 32 वर्षीय जनक बहादुर अपनी सौतेली बहन को मारता पीटता था।

इस मामले की कुछ लोगों ने जाजरदेवल थाने में सूचना दी। पुलिस ने आरोपी 31 वर्षीय सौतेला भाई  को हिरासत में लेते हुए पीड़िता का मेडिकल टेस्ट किया। बाद में बच्ची को कार्ड उज्ज्वला संस्था के सुपुर्द कर दिया। मामला पॉक्सो कोर्ट में चला। पीड़ित पक्ष के जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी प्रमोद पंत और विशेष अभियोजक प्रेम भंडारी की दलीलों और गवाहों को सुनते हुए विशेष न्यायाधीश पॉक्सो डॉ. जीके शर्मा ने शुक्रवार को ऐतिहासिक निर्णय दिया है। उन्होंने आरोपी को दोषी ठहराते हुए फांसी की सजा सुनाई है। वरिष्ठ अधिवक्ता व बार के जिलाध्यक्ष मोहन चन्द्र भट्ट के अनुसार दुराचार के मामले में सीमांत जनपद में यह पहला मामला है, जिसमें किसी आरोपी को फांसी की सजा सुनाई गयी है।

अब तक सामने आए मामलों में अधिकतर आरोपियों को आजीवन कारावास ही सबसे बड़ी सजा सुनाई गई है। नेपाल में माता-पिता की मौत के बाद पीड़ित बच्ची नगर के जाजरदेवल क्षेत्र में अपने सौतेले भाई के साथ रहती थी। इस दौरान आरोपी ने कई बार पीड़िता के साथ दुराचार किया। बच्ची ने पड़ोस में रहने वाले लोगों को अपने साथ हुई आपबीती बताई। उन्होंने जाजरदेवल पुलिस को सूचना दी, तब जाकर मामला सामने आया।

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