सर्दियों की शुरुआत और बर्फबारी के साथ ही चमोली जिले की हिमालयी भूदार घाटी में पुष्पावती नदी के दूसरी ओर स्थित फूलों की घाटी गुरुवार से पर्यटकों के लिए बंद कर दी गई है। अपनी समृद्ध जैव विविधता के लिए प्रसिद्ध फूलों की घाटी में हर साल प्रकृति प्रेमियों की भारी भीड़ उमड़ती है और इससे प्रशासन को अच्छा राजस्व प्राप्त होता है।
इस वर्ष फूलों की घाटी में 330 विदेशियों समेत करीब 19,436 पर्यटकों ने भ्रमण किया, जिससे 39,39,250 रुपये की आय हुई। यहां दुर्लभ प्रजाति के वन्यजीवों और वन संपदा की सुरक्षा के लिए निगरानी के लिए महत्वपूर्ण स्थानों पर पांच ट्रैप कैमरे लगाए गए हैं। फूलों की घाटी 1 जून से 31 अक्टूबर तक खुली रहती है। सर्दियों को देखते हुए गुरुवार को दोपहर करीब 12 बजे इसे पर्यटकों के लिए बंद कर दिया गया।
वन प्रभागीय अधिकारी चेतना कांडपाल ने बताया कि इस साल प्रकृति प्रेमियों की भारी भीड़ उमड़ी है, जिससे विभाग को अच्छी खासी आय हुई है। कांडपाल ने बताया कि फूलों की घाटी बंद रहने के दौरान प्रशासन की एक रेकी टीम समय-समय पर घाटी का दौरा करेगी। 12,500 फीट की ऊंचाई पर 87.5 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में फैली फूलों की घाटी वनस्पतियों और जीवों, जड़ी-बूटियों, तितलियों और जंगली जानवरों का ठिकाना है, जिनमें गुलदार, हिम तेंदुआ, मोनाल, कस्तूरी मृग और ब्लैक बीयर शामिल हैं। इस स्थल को 2005 में यूनेस्को विश्व प्राकृतिक धरोहर घोषित किया गया था।