केदारनाथ विधानसभा सीट पर 20 नवंबर को होने वाले उपचुनाव के लिए प्रत्याशी चयन को लेकर कांग्रेस में रार बढ़ गई है। चार सदस्यीय पर्यवेक्षक दल ने प्रत्याशी चयन के संबंध में अपनी रिपोर्ट प्रदेश संगठन को सौंपने के स्थान पर सीधे प्रदेश प्रभारी को भेजी है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा ने प्रदेश प्रभारी कुमारी सैलजा की ओर से मंगलवार को बुलाई गई वर्चुअल बैठक में इस पर तीखी आपत्ति व्यक्त की। फिलहाल प्रत्याशी चयन का प्रकरण अगले दो दिन तक टल गया है। प्रदेश प्रभारी ने 24 अक्टूबर को दिल्ली में प्रदेश के वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं की बैठक आहूत की है।
इसमें प्रत्याशी चयन पर सर्वसम्मति से मुहर लगाने के साथ उपचुनाव में प्रचार को लेकर वरिष्ठ नेताओं को एकजुट का फार्मूला तय हो सकता है। प्रदेश में कांग्रेस के भीतर अंतर्कलह थमने का नाम नहीं ले रही है। केदारनाथ उपचुनाव से पहले गुटीय खींचतान समाप्त होने की उम्मीद जताई जा रही थी, लेकिन अभी तक इस दिशा में पार्टी को सफलता नहीं मिली है। केदारनाथ विधानसभा सीट के लिए प्रत्याशी का चयन करने को पार्टी हाईकमान ने पहले दो सदस्यीय पर्यवेक्षक दल नियुक्त किया था, जिसे दो दिन बाद चार सदस्यीय कर दिया गया। वरिष्ठ पर्यवेक्षक एवं पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गणेश गोदियाल के नेतृत्व में दल ने गत 19 अक्टूबर को केदारनाथ विधानसभा क्षेत्र का भ्रमण किया। दल ने अपनी रिपोर्ट प्रदेश कांग्रेस कमेटी के माध्यम से भेजने के बजाय ई-मेल से सीधे प्रदेश प्रभारी कुमारी सैलजा को भेज दी।
प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने इस पर कहा कि चुनाव से पहले जो भी पर्यवेक्षक नियुक्ति किए जाते हैं, वह अपनी रिपोर्ट पीसीसी को सौंपते हैं। इसके बाद ही पीसीसी प्रत्याशियों का पैनल हाईकमान को भेजती है, लेकिन रिपोर्ट पीसीसी को नहीं मिली है। दिल्ली में होने वाली बैठक में रिपोर्ट पर चर्चा की जाएगी। वहीँ दूसरी ओर पर्यवेक्षक एवं पूर्व प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल ने कहा है कि मुझे पर्यवेक्षक प्रदेश प्रभारी ने नियुक्त किया है। जो नियुक्ति करता है, रिपोर्ट उसी को दी जाती है। रिपोर्ट में कोई सुझाव नहीं दिया है। सभी 13 दावेदारों का फीडबैक शामिल हैं। जिस पर हाईकमान को निर्णय लेना है।