राजधानी देहरादून में पुलिस ने अवैध रूप से चल रहे कॉल सेंटर पर कार्रवाई करते हुए अंतरराष्ट्रीय साइबर फ्रॉड के एक गिरोह का खुलासा किया है। गिरोह के आठ सदस्यों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है, जबकि 50 लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है। गिरफ्तार लोग खुद को इंटरनेशनल एंटी हैकिंग विभाग का अधिकारी बताकर विदेशी लोगों से ठगी करते थे। ठगी के लिए यूएसए और कनाडा के लोगों को टारगेट करते थे। कॉल सेंटर में गिरोह ने बड़ा सेटअप बनाया था। पुलिस ने काफी संख्या में लैपटॉप के साथ ही कई उपकरण बरामद किए हैं। पुलिस गिरोह के सदस्यों से पूछताछ कर रही है। इनके खातों से विदेशी खातों में ट्रांजेक्शन की जानकारी मिली है। गिरोह के पर्दाफाश पर पुलिस टीम को 25 हजार रुपये का इनाम की घोषणा की गई है।

पुलिस ने मौके से इस गिरोह के आठ सदस्यों को गिरफ्तार किया है. देहरादून पुलिस की गिरफ्त में आए सभी आरोपी महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, गुजरात और बिहार के है. पुलिस के मुताबिक उनकी टीम ने मौके से 81 लैपटॉप, 42 मोबाइल फोन, 29 डेस्कटॉप, पांच वाई-फाई राउटर और अन्य उपकरण बरामद किए है. देहरादून पुलिस ने पहली बार जिले में संगठित अपराध करने वाले अपराधियों के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की धारा 111 का मुकदमा दर्ज किया गया है. यूएसए और कनाडा के लोगों से करते थे ऑनलाइन ठगी: पुलिस ने बताया कि आरोपी खुद को इंटरनेशनल एंटी हैकिंग डिपार्टमेंट का अधिकारी बताकर यूएसए और कनाडा के नागरिकों को अपने जाल में फंसाते थे.

इसके बाद आरोपी सिस्टम हैक होने की जानकारी देकर उसे ठीक करने लिए दूसरे व्यक्ति को पॉपअप मैसेज भेजते थे, ताकी उनके सिस्टमों का एक्सेस लिया जा सके. साथ ही यूएसए में बैठी दूसरी टीम द्वारा पॉप अप रन किया जाता था. लोगों से ऑनलाइन स्कैम कर कॉल सेंटर संचालकों को हवाला के माध्यम से पेमेंट भेजी जाती थी. पुलिस ने बताया कि जब उन्होंने बिल्डिंग में छापा मारा तो वहां पर ग्लोबल टेक एनर्जी सॉल्यूशन (अवैध कॉल सेंटर) चल रहा था, जहां बड़े-बड़े हॉल में लगभग लगभग 100 कैबिने थे. इन कैबिनों में अलग-अलग युवक-युवतियां सिस्टमों पर बैठे हुए थे, और कॉल रिसीव कर रहे थे.

वहां मौजूद सभी आरोपी अपने आप को इंटरनेशनल एंटी हैकिंग डिपार्टमेंट का कर्मचारी बताकर विदेश में लोगों से उनके कंप्यूटर सिस्टम से हैकिंग हटाने के नाम पर उनके बैंक खातों की जानकारी प्राप्त कर रहे थे. पुलिस ने मौके से आठ लोगों को हिरासत में लिया. पूछताछ में मुख्य आरोपी मिहिर अश्वनी भाई और ललित उर्फ रोडी ने बताया कि वे ही देहरादून में फर्जी कॉल सेंटर संचालित कर रहे थे, जहां से वो लोग यूएसए और कनाडा के लोगों को टारगेट करते है. आरोपी सबसे पहले हैकिंग के नाम पर पीड़ित के सिस्टम का एक्सेस प्राप्त करते थे. इसके बाद सिस्टमों का कंट्रोल लेकर उनके बैक खाते से एंटी हैकिंग सर्विस के नाम पर स्कैम करते थे. पॉप अप मैसेजों को आरोपी देहरादून से अपनी दूसरी टीम जो यूएसए में है, उसे भेजते थे.

धोखाधड़ी से FITH THIRD BANK के माध्यम से पैसों का लेन देन कर प्राप्त पैसो को हवाला के माध्यम से उन तक पहुंचाया जाता है. आरोपियों द्वारा भेजे गये पॉप अप मैसेजो के दिये नंबर से ग्राहक उनसे सम्पर्क करते है. लोगों के सिस्टमों का रिमार्ट एक्सेस लेने के लिये आरोपी QUICK ASSIST, LOGMEIN, GO SHARE, TINY URL जैसे आनलाइन एप्लीकेशन का इस्तेमाल करते थे. वहीं, काल रिसिव करने के लिये EYEBEAM, ASIA ONE जैसे सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल करते है. साथ ही आउट बाउंड काल करने के लिये 2 LINE, TALK TONE जैसे ऑनलाइन ऐप का इस्तेमाल किया जाता है.

देहरादून एसएसपी अजय सिंह ने बताया कि पुलिस ने कॉल सेंटर में काम कर रहे 58 कर्मचारियों से पूछताछ की. मौके पर पुलिस ने सभी उपकरणों को सील करते हुए कॉल सेंटर संचालित करने वाले सभी आठ आरोपियों को गिरफ्तार किया. यह कॉल सेंटर डेढ़ महीने पहले ही खोला गया था. पुलिस संबधित राज्यों में भी गिरोह का कनेक्शन खंगाली जा रही है. इस गिरोह का खुलासा करने वाले टीम को 25 हजार रुपए का इनाम देने की घोषणा की गई है.