Uttarakhand

BJP भले जीत जाए अगला लोकसभा चुनाव लेकिन पिछले दिनों पार्टी पर लगे ये 2 दाग कभी नहीं छूटेंगे

‘पार्टी  विद द डिफरैंस’ कहलाने वाली भारतीय जनता पार्टी का निष्ठावान कार्यकर्ता अपनी आंखों के सामने ये सब होते देख रहा है। जिस तेजी से बीजेपी का कांग्रेसीकरण हो रहा है  कहीं न कहीं भाजपा के वर्तमान नेतृत्व और संगठन पर प्रश्नचिन्ह खड़ा करता है। कार्यकर्ता हैरान-परेशान हैं कि जिस पार्टी को मजबूत और ताकतवर बनाने के लिए उनके बुजुर्गों ने अपना जीवन लगा दिया और इन कांग्रेसियों द्वारा दिए कष्ट सहन किए, वही उनके सिर पर थोपे जा रहे हैं। और चुनाव जीतने के लिए हर तरह का हतकंडा अपनाया जा रहा है उससे कहीं न कहीं आम भाजपा कार्यकर्ता भी पेशोपेश में है।

राजनीतिक दलों में किसी भी बदनाम शख्स को पार्टी में शामिल करने का एक बहाना रहता था कि दोष सिद्ध न होने तक हर व्यक्ति निर्दोष है, पर वह दिन गुजरे अभी ज्यादा दिन हुए जब भाजपा ऐसे नेताओं से दूरी बनाकर चलती थी. भ्रष्टाचार के गंभीर आरोपियों, बाहुबलियों और दागी नेताओं को पार्टी दूर से ही सलाम करती थी. तब भाजपा चाल, चरित्र और चेहरे की बात करती थी. यही कारण रहा कि 2004 में डीपी यादव और 2012 में बाबू सिंह कुशवाहा को पार्टी में शामिल होने के महज चार दिन बाद ही बाहर का रास्ता दिखा दिया गया था.पर महाराष्ट्र में आदर्श घोटाले के आरोपी कांग्रेस नेता पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चह्वाण को जब से बीजेपी में एंट्री मिली और उन्हें राज्यसभा में भेजने की तैयारी हुई पार्टी के हार्डकोर समर्थक भी हैरान हैं.

ईवीएम प्रणाली को सपोर्ट करने वाली पार्टी पर चंडीगढ़ मेयर चुनावों में धांधली करने का आरोप सिद्ध हुआ है. समझ में नहीं आता एक साल के लिए मेयर पद पर अगर बीजेपी नहीं भी रहती तो पार्टी का कौन सा नुकसान हो जाता है. चंडीगढ़ में मेयर पद जीतने के लिए जिस तरह का कार्य किया गया उससे खुद को पार्टी विद डिफरेंस का राग अलापने वाली पार्टी का इतना बड़ा नुकसान हुआ है जिसकी भरपाई जल्दी नहीं हो सकेगी. सर्वोच्च अदालत ने माना कि चुनाव अधिकारी ने मतपत्रों को रद्द किया है. चंडीगढ़ में हुई इस घटना को लोकतंत्र का मजाक, जनतंत्र की हत्या कहा जा रहा है. हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने फिर से काउंटिंग कराके आम आदमी पार्टी के नेता को मेयर बनवा दिया है. पर यह कहानी कहती है कि बीजेपी को सत्ता की हवस बढ़ती जा रही है. मेयर जैसे चुनाव के लिए इस तरह की हरकत किसी भी पार्टी को शोभा नहीं देता है.

Show More

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button