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उत्तराखंड: वेंटिलेटर न मिलने पर व्यक्ति की मौत, विधायक… प्रदेश अध्यक्ष की सिफारिश भी नही आयी काम

रातभर हरिद्वार से लेकर देहरादून तक दस अस्पतालों की चौखट पर मुट्ठी में रुपये पकड़े एक अदद वेंटिलेटर के लिए गिड़गिड़ाता रहा, लेकिन कहीं वेंटिलेटर नहीं मिला। आखिरकार रात दो देहरादून में एक अस्पताल के बाहर मरीज के सांसों की डोर टूट गई।

प्राप्त जानकारी के अनुसार, शिवालिक नगर निवासी हार्डवेयर व्यापारी गणाराम चौधरी (38) बीते बुधवार से बीमार थे। उनको बुखार और खांसी थी। स्थानीय डॉक्टर से दवा ली तो उन्हें कुछ राहत मिली, लेकिन रविवार को गणाराम की तबीयत अचानक खराब हो गई। उनको सांस लेने में तकलीफ होने लगी।

गणाराम के भाई मोहित चौधरी शाम सात बजे उनको लेकर चंद्राचार्य चौक स्थित सिटी अस्पताल पहुंचे। यहां जांच के दौरान मरीज का ऑक्सीजन लेवल 50 पाया गया। अस्पताल प्रशासन ने मरीज को हायर सेंटर ले जाने के लिए कहा।

मोहित अपने भाई को लेकर कनखल स्थित रामकृष्ण मिशन अस्पताल पहुंचे। यहां मरीज का ऑक्सीजन लेवल गिरकर 32 पहुंच गया। यहां भी मरीज को हायर सेंटर ले जाने की सलाह दी गई। मोहित ने अपने रिश्तेदारों से वेंटिलेटर ढूंढने के लिए संपर्क किया, लेकिन कहीं बेड नहीं मिला।

थक हारकर उन्होंने भाजपा प्रदेश अध्यक्ष एवं नगर विधायक मदन कौशिक केे कोविड हेल्पलाइन पर संपर्क किया। यहां से उन्हें सीएमआई अस्पताल देहरादून जाने की सलाह दी गई, लेकिन देहरादून पहुंचने पर पता चला कि सीएमआई में भी वेंटिलेटर खाली नहीं है।

इसके बाद होशोहवास खो चुके मोहित मुट्ठी में रुपये पकड़े अपने भाई को लेकर एक के बाद एक सात और अस्पतालों में गए, लेकिन कहीं वेंटिलेटर नहीं मिला। आखिर रात दो बजे देहरादून में एक अस्पताल के बाहर ही गणाराम की मौत हो गई। देर रात उनका शव हरिद्वार लाया गया। सोमवार को कनखल श्मशान घाट पर कोविड गाइडलाइन के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया।

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