अल्मोड़ा: कोरोना संक्रमित युवक ने पहले की ऑनलाइन शादी, ठीक होने के बाद साथ ले गया अपनी दुल्हन
पहले ऑनलाइन शादी, अब दूल्हा दुल्हन के दरवाजे पर गाजे-बाजे के साथ बरात ले जाकर सपनों की राजकुमारी को अपने साथ ले गया। यह फिल्मी दृश्य नहीं बल्कि तहसील के एक गांव में रविवार को कुछ ऐसा ही नजारा था। कोरोना संक्रमित होने पर लखनऊ के एक युवक ने करीब नौ दिन पूर्व जैंती तहसील के कांडे गांव की युवती से ऑनलाइन शादी रचाई थी।
रविवार को दूल्हा गाजे-बाजे के साथ बरात लेकर कांडे गांव में पहुंचा और अग्नि को साक्षी मानकर सात फेरे लिए। ऑनलाइन शादी होने के बाद बाबुल के घर में रह रही दुल्हन भी सपनों के राजकुमार के साथ विदा हुई। इस अनोखी शादी को देखने के लिए गांव के लोग भी पहुंचे थे।
मूल रूप से जैंती तहसील के ल्वाली गांव निवासी स्व. नारायण सिंह धौनी का परिवार लखनऊ के गोमतीनगर में रहता है। स्व. नारायण के पुत्र उमेश सिंह धौनी की शादी तहसील क्षेत्र के ही कांडे गांव निवासी रमेश सिंह कन्याल की पुत्री मंजू कन्याल से होनी थी। दोनों पक्षों में गणेश पूजा हो गई थी। लखनऊ से बरात 24 अप्रैल को कांडे गांव आनी थी।
दूल्हा उमेश समेत अन्य परिजनों के कोरोना संक्रमित होने पर दूल्हे ने ऑनलाइन शादी रचाई थी, लेकिन वैदिक रीति-रिवाज के अनुसार सात फेरे लेने तक कोई भी शादी पूरी नहीं होती। मान्यता है कि पवित्र अग्नि को साक्षी मानकर लिए गए सात फेरे दो आत्माओं को सात जन्मों तक जोड़ देते हैं।
तब परिस्थिति के अनुसार उमेश ने ऑनलाइन शादी तो कर ली थी, लेकिन वह वैदिक रीति-रिवाज भी कायम रखना चाहता था। इसलिए क्वांरटीन अवधि पूरी होने पर दूल्हा उमेश शनिवार शाम अपने कुछ रिश्तेदारों के साथ जैंती पहुंचा और यहां होटल में ठहरा।
रविवार सुबह जैंती के होटल से बैंड बाजे के साथ बरात निकली। जैसे ही घोड़े में सवार दूल्हा बरात लेकर कांडे गांव में रमेश सिंह कन्याल के दरवाजे पर पहुंचा तो वहां दुल्हन समेत घरातियों की खुशी का कोई ठिकाना नहीं रहा। बरातियों का जोरदार स्वागत किया गया। दोनों पक्षों के पंडितों के मंत्रोच्चार के बीच पवित्र अग्नि को साक्षी मानकर उमेश ने और मंजू कन्याल के साथ सात फेरे लिए। शादी के बाद रविवार को ही वर-वधू लखनऊ चले गए।