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उत्तराखंड: देवभूमि में मानवता हुई शर्मसार, पति के शव के साथ धक्के खाती रही 68 वर्षीय बुजुर्ग महिला

देवभूमि में मानवता एक बार फिर शर्मसार हुई। 68 वर्षीय बुजुर्ग महिला अपने पति के शव को लेकर धक्के खाते रही। मोर्चरी में भी उसे मदद नहीं मिली। बाद में उसने मेयर को फोन किया तो एंबुलेंस भिजवाई गई। बाद में उसने खुद श्मशान घाट पहुंचकर पति का अंतिम संस्कार करवाया।

घटना, सपना बाली (68) निवासी मंगलपड़ाव के पति त्रिलोक नाथ गोस्वामी का मंगलवार को कोरोना से निधन हो गया था। सपना बाली के दो बेटे जम्मू कश्मीर में रहते हैं। लॉकडाउन होने के कारण वह अपने पिता के अंतिम संस्कार में नहीं आ पाए और सपना बाली ने अपने पति की चिता को मुखाग्नि दी। सपना बाली ने बताया कि तीन दिन पहले उसके पति की तबियत खराब हो गई। वह अपने पति को बेस अस्पताल ले गई। उनका आरोप था कि वहां डॉक्टर सहित नर्सों ने उनके पति को हाथ नहीं लगाया और उन्हें कोरोना मरीज बताकर सुशीला तिवारी अस्पताल में ले जाने को कहा। कोरोना का नाम सुनकर उनके साथ जो एंबुलेंस चालक आया था वह चला गया। उसने दूसरी एंबुलेंस की। पति को एंबुलेंस में रखने के लिए लोगों से मदद मांगी। लेकिन कोई मदद को आगे नहीं आया। उन्होंने पति को घसेटते हुए एंबुलेंस में रखा।

पति की मृत्यु मंगलवार को हो गई। शव लेने के लिए उन्हें कई चक्कर काटने पड़े। जब वह मोर्चरी में अपने पति का शव लेने पहुंची तो वहां लोगों ने बाहर निकाल दिया। उसके बाद सपना ने मेयर को फोन किया। मेयर ने उन्हें मोर्चरी से शव दिलाया। साथ ही एंबुलेंस भी करवाई। मेयर जोगेंद्र रौतेला नगर आयुक्त चंद्र सिंह मर्तोलिया के साथ श्मशान घाट पहुंचे। उन्होंने वहां चिता लगवाई। इसके बाद सपना ने पति की चिता को मुखाग्नि दी।

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