Uttarakhand

उत्तराखंड के नए मुख्यमंत्री बने पुष्कर धामी… जानिये क्या है इनकी काबिलियत

भाजपा विधायक मंडल दल की बैठक में सीएम पुष्कर सिंह धामी का नाम सबसे आगे रहा। उन्हें विधायक दल का नेता चुना गया। इसी के साथ उत्तराखंड को 12 वें मुख्यमंत्री के रूप में पुष्कर सिंह धामी का चेहरा मिल गया है। दस मार्च को आए चुनाव परिणामों के बाद उत्तराखंड में भाजपा बहुमत का जादुई आंकड़ा छूने में कामयाब रही, लेकिन मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी अपनी सीट नहीं बचा पाए थे। हालांकि चुनाव हारने के बावजूद पार्टी आलाकमान ने पुष्कर सिंह धामी पर एक बार फिर भरोसा दिखाया है। उन्हें कमान सौंपे जाने का फैसला लिया है। धामी के हाथ विधानसभा चुनाव में निराशा लगी थी। खटीमा विधानसभा सीट से धामी को करारी हार का सामना करना पड़ा। उन्हें कांग्रेस के भुवन कापड़ी ने छह हजार से ज्यादा वोटों से हराया।

धामी का पहला कार्यकाल आठ माह 18 दिन का रहा। मुख्यमंत्री की रेस में कई दिग्गजों के शामिल होने के बावजूद भाजपा हाईकमान ने धामी की इन खूबियों की वजह से उन पर विश्वास जताया।

  1. शीर्ष नेतृव का भरोसा जीता

मुख्यमंत्री के अपने अल्प कार्यकाल में धामी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह व हाईकमान के अन्य नेताओं के भरोसे पर खरे उतरे।

 

  1. स्थानीय दिग्गजों से तालमेल

राज्य के बड़े नेताओं के साथ ही संगठन के से भी धामी का तालमेल बेहतर रहा। देहरादून से लेकर दिल्ली तक के सभी प्रमुख नेताओं से मिल कर सलाह मशविरा करते रहे। सीएम रहते कई बार वे भाजपा मुख्यालय में होने वाले कार्यक्रमों में तक पहुंचते रहे।

  1. युवा नेता

धामी अभी लगभग 46 साल, छह माह के हैं। भाजपा ने उन्हें विधानसभा चुनाव में युवा चेहरे के तौर पर भी भुनाया था। अभी उनके पास राजनीति करने के लिए लंबा वक्त भी है। इसके साथ ही धामी सरल और सौम्य मिजाज के लिए मशहूर हैं।

 

  1. कार्यकर्ताओं में भरा जोश

धामी उत्तराखंड भारतीय जनता युवा मोर्चा में वर्ष 2002 से 2008 तक प्रदेश अध्यक्ष रह चुके हैं। इस नाते हर जिले के कार्यकर्ताओं से उनके बेहतर संबंध हैं। उनके सीएम बनते ही युवा कार्यकर्ताओं में अलग से जोश व उत्साह नजर आया।

  1. ताबड़तोड़ लिए फैसले

धामी ने अपने अल्प कार्यकाल में ताबड़तोड़ बड़े फैसले लिए। 10 वीं से स्नात्तक के छात्रों को टेबलेट, नौंवी से 12 वीं तक के छात्र-छात्राओं को मुफ्त किताबें, उत्तराखंड देव स्थानम बोर्ड को भंग, गेस्ट टीचरों, शिक्षा मित्रों व इटर्न डाक्टरों का मानदेय बढाने के साथ ही सरकारी नौकरियों में भर्ती के लिए निशुल्क आवेदन, युवाओं के लिए सरकारी नौकरियां, सीएम वात्सलय योजना आदि प्रमुख फैसले हैं।

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