Uttarakhand

चारधाम यात्रा: दो दिन बाद मौसम हुआ साफ़… पड़ावों पर रोकी यात्रियों ने शुरू किया सफ़र

केदारनाथ धाम में बीते दिन सात घंटे तक हुई बर्फबारी व निचले इलाकों में बारिश के चलते यात्रा दूसरे दिन भी रोक दी गयी थी। इस दौरान धाम में रुके यात्रियों को निचले इलाकों में भेजा जा रहा था। लेकिन अब बारिश और बर्फबारी के बाद मंगलवार को रोकी गई चारधाम यात्रा बुधवार को मौसम साफ होने के बाद सुचारु हो गई है। केदारनाथ सहित बदरीनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री में मौसम साफ होने के बाद तीर्थयात्री इन धामों की ओर रवाना हुए। मंगलवार को मौसम खराब होने के बाद केदारनाथ और यमुनोत्री धाम की यात्रा रोकी गई थी और हजारों तीर्थयात्री विभिन्‍न पड़ावों पर रोके गए थे।

मंगलवार सुबह 6 बजे से केदारनाथ यात्रा शुरू हो गई थी। इस दौरान सोनप्रयाग से 6500 श्रद्धालुओं ने पैदल मार्ग से धाम के लिए प्रस्थान किया। सोनप्रयाग सहित केदारघाटी में रिमझिम बारिश शुरू हुई लेकिन सुबह 8 बजे तक 7810 और 9.30 बजे तक 10470 श्रद्धालु धाम के लिए प्रस्थान कर चुके थे। इसके बाद, तेज बारिश के चलते सोनप्रयाग में यात्रा को रोक दिया गया था। पैदल ट्रैक पर चोटिल होने के खतरे को देखते हुए केदारनाथ और यमुनोत्री धाम की यात्रा मंगलवार को आधे दिन ही चल पाई। इन धामों में दर्शन के लिए जाने वाले करीब 12 हजार श्रद्धालुओं को पड़ावों पर ही रोका गया। इन्हें बुधवार सुबह आगे की यात्रा के लिए रवाना किया गया है। वहीं बदरीनाथ धाम व गंगोत्री की यात्रा सुचारू रही।

धुंध की वजह से केदारनाथ धाम के लिए हेली सेवाएं भी पूरे दिन ठप रहीं। सुबह के वक्त केवल तीन ही उड़ान हो पाईं। केदारनाथ धाम में सुबह नौ बजे बारिश और बर्फबारी शुरू हुई, जो दोपहर एक बजे तक चली। अलग-अलग चरणों में पड़ावों से करीब दस हजार श्रद्धालुओं को धाम के लिए रवाना किया गया, लेकिन बारिश को देखते हुए दोपहर 12 बजे करीब आठ हजार यात्रियों को पड़ावों पर ही रोक दिया गया। एहतियातन गौरीकुंड से घोड़ा व खच्चरों की आवाजाही भी रोक दी गई। दोपहर तक केवल पैदल तीर्थयात्रियों को पड़ावों तक जाने की अनुमति दी गई। दर्शन कर लौट रहे श्रद्धालुओं को भी सुरक्षित स्थानों पर ठहराया गया।

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