Uttarakhand

देहरादून और हरिद्वार में 45 बच्चों को बालश्रम से कराया मुक्त, 16 प्रतिष्ठानों के विरुद्ध एफआइआर दर्ज

बाल अधिकार संरक्षण आयोग की ओर से बाल श्रम उन्मूलन सघन अभियान के तहत दून और हरिद्वार में पुलिस, प्रशासन के सहयोग से बालश्रम करने वाले बच्चों को रेस्क्यू किया जा रहा है। दोनों जिलों में अब तक 45 बच्चों को चिह्नित कर रेस्क्यू किया गया है। जबकि 16 प्रतिष्ठानों के विरुद्ध एफआइआर दर्ज हो चुकी है। रेस्क्यू किए बच्चों के पुनर्वास के लिए कार्ययोजना की बनाई जाएगी।

शनिवार को इस संबंध में बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष डा. गीता खन्ना की अध्यक्षता में नंदा की चौकी स्थित महिला एवं बाल विकास विभाग के कक्ष में बैठक हुई। जिसमें दून और हरिद्वार से पुलिस, प्रशासन, सीडब्ल्यूसी और विभिन्न सामाजिक संगठन से जुड़े पदाधिकारी शामिल हुए। बाल आयोग की अध्यक्ष डा. गीता खन्ना ने बताया कि अबतक देहरादून देहरादून के कोतवाली और पटेलनगर, हरिद्वार के कनखल थाना क्षेत्र में यह अभियान चलाया गया जिसमें से विभिन्न प्रतिष्ठानों में 45 बच्चों को चिह्नत कर रेस्क्यू किया गया।

इनमें 14 देहरादून जबकि 31 हरिद्वार के शामिल हैं। अबतक दोनों जिलों में बालश्रम कराते 16 प्रतिष्ठानों के विरुद्ध एफआइआर दर्ज कराई जा चुकी है। इन बच्चों को बाल कल्याण समिति के समक्ष प्रस्तुत किया गया। उन्होंने बताया कि रेस्क्यू किए बच्चों के लिए पुनर्वास की कार्ययोजना बनाई जा रही है। आयोग की अध्यक्ष ने अधिकारियों को बालश्रम उन्मूलन सप्ताह के तहत बच्चों के पुनर्वास के कदम उठाए जाने और जागरुकता अभियान चलाने, रेस्क्यू बच्चों को चाइल्ड वेलफेयर कमेटी यानी सीडब्ल्यूसी के समक्ष प्रस्तुत करने के निर्देश भी दिए।

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