चमोली: टनल में फंसे लोगों के लिए राहत एवं बचाव कार्य जारी, अब तक 14 शव बरामद
चमोली के आपदा प्रभावित इलाकों में सेना, आइटीबीपी, एसएसबी और एसडीआरएफ की टीमें बचाव कार्य में जुटी हुई हैं। टनल में फंसे लोगों के लिए राहत एवं बचाव कार्य जारी। जेसीबी की मदद से टनल के अंदर पहुंच कर रास्ता खोलने का प्रयास किया जा रहा है। अब तक कुल 15 व्यक्तियों को रेस्क्यू किया गया है एवं 14 शव अलग-अलग स्थानों से बरामद किये गये हैं। वहीं अभी टनल में 30 लोग फंसे हुए हैं। रविवार दोपहर को वायुसेना के सी-130 एयरक्राफ्ट एनडीआरएफ की टीम और पांच क्विंटल राहत सामग्री लेकर जौलीग्रांट पहुंचे। एनडीआरएफ की टीम के साथ ही सेना के जवान व नौसेना के गोताखोरों को दोपहर बाद रैणी गांव के लिए रवाना किया गया।
बताया जा रहा है कि अभी भी 125 से अधिक लोग लापता हैं। रात में भी बचाव कार्य जारी रहा। नुकसान का आकलन जारी है। सुबह तड़के चार बजे से एक बार फिर बचाव कार्य शुरू हो गया है। सुरंगों के पास से मलबा हटाया जा रहा है। माना जा रहा है कि इनमें काफी लोग फंसे हुए हैं। हादसे में जान गंवाने वाले लोगों के परिजनों के लिए राज्य और केंद्र सरकार ने मुआवजे की घोषणा की है। राज्य सरकार चार और केंद्र सरकार दो लाख रुपये की सहयोग राशि देगी। आईटीबीपी के प्रवक्ता विवेक पांडे ने कहा, ‘हमने दूसरी सुरंग में खोज अभियान तेज कर दिया है। हमें जानकारी मिली है कि लगभग 30 लोग वहां फंसे हुए हैं। सुरंग को साफ करने के लिए लगभग 300 आईटीबीपी के जवान तैनात हैं।
संयुक्त राष्ट्र महासचिव के प्रवक्ता ने कहा, ‘महासचिव को उत्तराखंड में ग्लेशियर के फटने और उसके बाद आई बाढ़ से हुए जानमाल के नुकसान और दर्जनों लोगों के लापता होने का गहरा दुख है। वह पीड़ितों के परिवारों, लोगों और भारत सरकार के प्रति अपनी गहरी संवेदनाएं व्यक्त करते हैं। संयुक्त राष्ट्र आवश्यकता होने पर बचाव और सहायता प्रयासों में योगदान देने के लिए तैयार है।