Uttarakhand

चमोली: तपोवन टनल के 130 मीटर हिस्से से मलबा हटा दिया गया, अब तक मिले 26 शव….रेस्क्यू ऑपरेशन जारी

उत्तराखंड के चमोली में रविवार को ग्लेशियर टूटने से बड़ा हादसा हो गया। अबतक जो जानकारी मिल रही है उसके अनुसार राहत और बचाव कार्य के दौरान चमोली जिला पुलिस ने अब तक 26 शव मिलने की पुष्टि की है। बताया जा रहा है कि अभी भी 171 से अधिक लोग लापता थे और साथ ही पांच लोग खुद वापस आए हैं। रात में भी बचाव कार्य जारी रहा। नुकसान का आकलन जारी है। सुबह तड़के चार बजे से एक बार फिर बचाव कार्य शुरू हो गया है। सुरंगों के पास से मलबा हटाया जा रहा है। माना जा रहा है कि इनमें काफी लोग फंसे हुए हैं। हादसे में जान गंवाने वाले लोगों के परिजनों के लिए राज्य और केंद्र सरकार ने मुआवजे की घोषणा की है।

तपोवन-विष्णुगाड परियोजना की एक सुरंग में फंसे करीब 34 व्यक्तियों को सुरक्षित निकालने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है। पिछले 24 घंटे से ज्यादा वक्त से युद्ध स्तर पर रेस्क्यू आपरेशन चल रहा है। आइटीबीपी, एसडीआरएफ, सेना, जिला प्रशासन की टीम आपरेशन में जुटी हैं। रातभर चले ऑपरेशन में सुरंग से 130 मीटर तक मलबा हटाया जा चुका है। दूसरी ओर वायुसेना ने आपदा प्रभावित क्षेत्रों में राहत सामग्री बांटने का काम प्रारंभ कर दिया। जोशीमठ-मलारी हाइवे पर मोटरपुल टूटने से कट गए गांवों में भी राहत सामग्री का वितरण किया जा रहा है। राहत व बचाव कार्यों को तेज करने के लिए चमोली जिले को 20 करोड़ की राशि जारी की गई।

आपको बता दें चीन सीमा से सटे चमोली जिले के रैणी गांव के समीप बीते रविवार को ग्लेशियर टूटने से ऋषिगंगा और धौलीगंगा में उफान आ गया था। केदारनाथ जल प्रलय के बाद ये दूसरी बड़ी दुर्घटना है जिसमें मलबायुक्त पानी ने भारी तबाही मचाई। इसमें 13 मेगावाट का ऋषिगंगा पावर प्रोजेक्ट तबाह हो गया, जबकि 520 मेगावाट का तपोवन-विष्णुगाड प्रोजेक्ट का बैराज क्षतिग्रस्त हो गया। जोशीमठ-मलारी हाइवे पर रैणी स्थित चीन सीमा को जोड़ने वाले पुल समेत पांच पुल टूट गए थे।

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