चमोली आपदा: लापता लोगों के जिंदा मिलने की उम्मीद धुंधली, बचाव कार्य लगातार जारी…146 लोग अभी भी लापता
चमोली जिले में आयी आपदा के बाद तपोवन में बचाव कार्य जोरों पर है। तपोवन टनल से बुधवार को पूरे दिन पंप से पानी निकालने का काम चलता रहा। बैराज साइट पर भी पंप लगाकर पानी और मलबे को निकालने का काम शुरू कर दिया गया है। बुधवार को सुरंग, बैराज और रैणी साइट में से कोई भी शव बरामद नहीं हुआ। हालांकि चमोली के बराली गांव के पास एक मानव अंग (हाथ) बरामद हुआ है।
ऋषिगंगा की आपदा के 11 दिन बाद भी 146 लोग लापता चल रहे हैं। अभी तक 58 शव और 25 मानव अंग बरामद हुए हैं। वहीं तपोवन सुरंग से मंगलवार से पानी निकलने लग गया था, जिसके बाद मलबा हटाने का काम रोक दिया गया और पंप लगाकर पानी निकालने का प्रयास किया गया। बुधवार पूरे दिन टनल से पानी निकाला जाता रहा। वहीं बैराज साइट से भी पानी और मलबा हटाने का काम शुरू कर दिया गया है। चमोली जिलाधिकारी और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक यशवंत सिंह चौहान लगातार आपदा प्रभावित क्षेत्रों का भ्रमण कर रेस्क्यू कार्यों का निरीक्षण कर रहे हैं। डीएम ने बताया कि आपदा में लापता 206 लोगों में से अभी तक 58 लोगों के शव विभिन्न स्थानों से बरामद हुए हैं। अब 146 लोग लापता चल रहे हैं, जिनकी तलाश जारी है।
वहीँ दूसरी ओर आईटीबीपी का एक दल ऋषिगंगा के मुहाने पर बनी झील तक पहुंच गया है। यह दल अध्ययन को पहुंचने वाले वैज्ञानिकों की मदद करेगा। साथ ही पैंग गांव के पास हेलीपैड भी बनाया जाएगा। आपदा के बाद ऋषिगंगा का पानी रुका हुआ है, जिससे वहां झील बनी हुई है। आईटीबीपी प्रथम वाहिनी सुनील के सीओ वेणुधर नायक का कहना है कि आईटीबीपी के जवान वैज्ञानिकों को सहयोग के लिए गए हैं। वैज्ञानिकों ने कहा कि झील की वास्तविक जानकारी पता लगाने के बाद अगले दो से तीन दिन में कोई उचित कदम उठाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि तब तक वहां नई जलधाराएं बनाई जाएं तथा जो बनाई गई हैं, उनको और गहरा किया जाए ताकि अधिक मात्रा में पानी की निकासी हो सके।