दुःखद ख़बर: देवभूमि का एक और लाल शहीद, परिवार में मचा कोहराम
समूचे उत्तराखंड के लिए एक दुखद खबर सामने आई है। पिथौरागढ़ जिले के बढ़ाबे टोली गांव का जांबाज संजय चंद अब हमारे बीच नहीं रहा। बताया जा रहा है कि संजय चंद असम राइफल में तैनात थे। वो 2 कुमाऊं रेजीमेंट के वीर जवान थे। असम से उनकी शहादत की खबर उनके परिवार तक पहुंची तो घर में कोहराम मच गया। परिजनों को सूझ नहीं रहा कि आखिर क्या करें? पिथौरागढ़ की विधायक चंद्रा पंत ने भी जवान की शहादत पर गहरा शोक व्यक्त किया है।
सीमांत जनपद पिथौरागढ़ के मूनाकोट ब्लॉक के दूरस्थ तोली गांव निवासी संजय चंद पुत्र भरत चंद को बचपन से ही सेना में जाने का सपना था। संजय का बचपन आर्थिक तंगी और बेहद गरीबी के बीच गुजरा। संजय चंद ने प्राथमिक शिक्षा तोली में और राजकीय इंटर कॉलेज बड़ाबे से हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की परीक्षा उत्तीर्ण की।
सेना में जाने के सपने को पूरा करने के लिए संजय सुबह-शाम शारीरिक परिश्रम करता था। नवंबर 2008 में चंपावत के लोहाघाट में सेना भर्ती रैली में वह सेना में भर्ती हो गए। संजय का छोटा भाई ललित का भी गोरखा रेजीमेंट में चयनित हुआ है, जिससे संजय काफी खुश था और दो महीने पहले ही घर आया था।
बताया जा रहा है कि संजय दो कुमाऊं में तैनात थे और असम में मातृभूमि की रक्षा करते हुए उग्रवादियों की गोली का शिकार हो गए। संजय चंद के शहादत की सूचना सेना के अधिकारियों द्वारा परिजनों को दी गई। इस खबर से परिजनों में कोहराम मचा हुआ है, वहीं पूरे क्षेत्र में शोक की लहर है।