Uttarakhand

कच्ची उम्र में महंगे नशे का शौक पूरा करने को बन गए अपहरणकर्ता

देवभूमि उत्‍तराखंड में अपराधों में लगातार इजाफा होता जा रहा है। अब अपराध केवल शहर में ही नहीं पहाड़ भी चढ़ चुके है। वहीं पिछले कुछ समय से नशे का कारोबार पहाड़ों में चरम पर है। आज बागेश्वर जैसे शांत पहाड़ी जिले में अपहरण का एक मामला सामने आया तो पूरे पहाड़ में हडक़ंप मच गया। दो नाबालिक बच्चों के अपहरण की खबर से पुलिस के हाथ-पांव फूल गये। आनन-फानन में सभी थानो में अलर्ट जारी किया गया। तुंरत टीमों का गठन किया गया। इसके बाद बागेश्वर और अल्मोड़ा की एसओजी टीम ने अपहरणकर्ताओं को रात करीब 10 बजे खैरना के समीप गिरफ्तार कर लिया।

सूपी, पतियार निवासी 16 वर्षीय देवेंद्र सिंह और उसके साथी 13 वर्षीय कृष्णा सिंह गत बुधवार को कपकोट अस्तपाल आए थे। वह दवाइयां आदि खरीदने के बाद घर को लौट रहे थे। उन्हें कपकोट बाजार में चार युवक मिले। जिसमें एक युवक स्थानीय था। जिसे वह दोनों पहचानते थे। पुलिस के अनुसार एक युवक पालड़ीछीना, कपकोट और दो अन्य रुद्रपुर के रहने वाले हैं। वह चरस आदि की तस्करी में लिप्त बताए जा रहे हैं। क्षेत्र में यह भी चर्चा है कि वह चारों युवक किसी गाड़ी का सौदा करने आए थे। शायद उनका काम नहीं बना, जिसके बाद वह देवेंद्र और कृष्णा उठाकर अपने साथ ले गए।

अपहरणकर्ताओं ने एक अपहृत बालक के एटीएम से 25 हजार रुपये निकाले। 37 हजार रुपये गूगल पे के माध्यम से ट्रांसफर करवाए गए। 6 लाख रुपये में से शेष धनराशि बताए हुए स्थान पर लाने को कहा। क्षेत्राधिकारी विपिन चंद्र पंत ने बताया कि आरोपियों के कब्जे से 22 हजार रुपये की रकम बरामद हुई। आरोपियों के बैंक खाते सीज करवा दिए गए हैं। प्रकरण की जांच की जा रही है। जांच में ही अपहरण के कारण सामने आएंगे। चारों आरोपियों को बृहस्पतिवार को न्यायालय में पेश किया गया। न्यायालय के आदेश पर चारों को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में अल्मोड़ा जेल भेज गिया गया।

शांत पहाड़ी वादियों की अपहरण जैसी जघन्य घटना ने अशांत कर दिया। महंगे नशे का शौक और उसे पूरा करने के लिए शाटकट से रुपये कमाने के लिए दुस्साहसिक घटना कर दी।  बच्चों का अपहरण व छोडऩे के नाम पर मोटी फिरौती की जिले में यह पहली वारदात है। खास बात कि नशे के धंधे से जुड़े अपहरणकर्ताओं पर खाकी की नजर पहले से ही थी, मगर वह हत्थे नहीं चढ़े थे। कोरोनाकाल में जहां नौकरी छोड़कर प्रवासी गांव वापस लौट आए हैं। खेतीबाड़ी व मेहनत कर आजीविका भी जुटाने लगे हैं। दूसरी ओर कुछ युवा ऐसे भी हैं जो रातों रात पैसा कमाने की सोच और नशे की बढ़ती प्रवृति के कारण अपराध की ओर कदम बढ़ा रहे हैं।

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