Uttarakhand

उत्तराखंड: चारधाम यात्रा पर हाईकोर्ट की सख्ती, मुख्य सचिव को दिए ये निर्देश

उत्तराखंड में मई माह की शुरुआत से ही चारधाम यात्रा शुरू होने वाली है। इससे पहले हाईकोर्ट ने चारधाम यात्रा में सुविधाओं को लेकर स्वतः संज्ञान लेते हुए जनहित याचिका पर सुनवाई की है। मामले में सुनवाई करते हुए कोर्ट ने मुख्य सचिव को दो माह के भीतर पत्र खामियों का निस्तारण करने के सख्त निर्देश दिए हैं। जिससे कि तीर्थयात्रियों को चारधाम यात्रा के दौरान किसी भी प्रकार की दिक्कतों का सामना न करना पड़े।

कोर्ट ने प्रदेश के मुख्य सचिव को निर्देश दिए हैं कि वह दो माह के भीतर बॉम्बे हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति केआर श्रीराम की ओर से चारधाम यात्रा की कमियों के संबंध में दिए पत्र के क्रम में उनका निस्तारण करें। इसके साथ ही कोर्ट ने जनहित याचिका को निस्तारित कर दिया है। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश संजय कुमार मिश्रा एवं न्यायमूर्ति आरसी खुल्बे की खंडपीठ में हुई। बॉम्बे हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति केआर श्रीराम ने बीती 15 जून 2019 को उत्तराखंड हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को पत्र लिखकर चारधाम यात्रा में तीर्थयात्रियों को हो रही दिक्कतों और वहां की अव्यवस्थाओं को लेकर पत्र भेजा था।

इसमें कहा था कि चारधाम में आपदा का इंतजार हो रहा है। यमुनोत्री में तत्काल सुरक्षा इंतजाम करने की जरूरत है। खुद के चारधाम यात्रा के दौरान के अनुभव बयां करते हुए कहा था कि यात्रा मार्ग में कई किलोमीटर तक पुलिस का जवान मौजूद नहीं रहता है। इस परिस्थिति में स्वास्थ्य या आपातकाल में मदद की उम्मीद नहीं की जा सकती।  यात्रा मार्ग पर बैठने को बेंच, कुर्सी, शौचालय अथवा दूसरी सुविधाओं की भारी कमी है।

Show More

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button