Uttarakhand

चारधाम यात्रा मार्ग पर पत्थरों की चपेट में आने से दो यात्रियों की मौत… बारिश से यात्रा पर ब्रेक

मानसून की दस्तक के चंद घंटे के भीतर ही भूस्खलन समेत अन्य कारणों से प्रदेश में तीन दर्जन से अधिक मार्ग अवरुद्ध हो गए हैं। शुक्रवार को देहरादून में सुबह हल्‍की बूंदाबांदी हुई है। बदरीनाथ हाईवे सिरोबगड़ में दूसरे दिन भी बंद है। वहीं , बदरीनाथ हाइवे लामबगड़ के पास सुबह से बंद था, जिसे शुक्रवार को सुबह सात बजे सुचारू कर दिया। चमोली में गुरुवार रात से हो रही बारिश थमी हुई है। इस वक्त रुद्रप्रयाग जिले में बारिश थमी हुई है। रुद्रप्रयाग-गौरीकुंड राजमार्ग पर सोनप्रयाग में पुल के समीप पहाड़ी से गिरे पत्थरों की चपेट में आने से राजस्थान से आए एक यात्री की मौत हो गई।

बदरीनाथ की यात्रा करके लौट रहे यात्रियों की कार के ऊपर पत्थर गिरने से एक तीर्थयात्री ने दम तोड़ दिया, वहीं गंगोत्री धाम से लौट रहे एक यात्री के सिर पर पत्थर गिरने से उसकी मौत हो गई। बृहस्पतिवार सुबह सोनप्रयाग से कुछ यात्री केदारनाथ के लिए रवाना हुए। एक्रो पुल के समीप पहाड़ी से गिरा पत्थर जयंती लाल (50) बांसवाड़ा राजस्थान के सिर पर लग गई, जिससे उनकी मौके पर ही मौत हो गई। साथ में चल रही मयूरी (30) पत्नी धर्मेंद्र निवासी अहमदाबाद गुजरात, अवन सिंह (59) पुत्र मीर सिंह निवासी झज्जर सुरहती, हरियाणा और विकास (24) पुत्र वीरचंद्र, निवासी नेपाल घायल हो गए।

बारिश को देखते हुए प्रशासन ने सोनप्रयाग से वीरवार सुबह 8:30 बजे के बाद केदारनाथ यात्रा पर रोक लगा दी। इससे पूर्व सुबह 6 से 8 बजे तक 980 यात्री धाम के लिए रवाना हो गए थे, जो दोपहर बाद तक केदारनाथ पहुंच गए थे। उधर, बारिश से बदरीनाथ हाईवे पर खचड़ा नाले में मलबा और बोल्डर आने से बंद हो गया है। केदारनाथ यात्रा के सुरक्षित संचालन को प्रशासन वहां के मौसम पर बारीकी से नजर रखे हुए है। जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने बताया कि मानसून सीजन के दौरान केदारनाथ का मौसम पल-पल रंग बदलता रहता है। इसी को देखते हुए प्रशासन ने मौसम व आपदा प्रबंधन विभाग से रोजाना केदारनाथ धाम व पैदल मार्ग के पड़ावों के लिए मौसम का विशेष बुलेटिन जारी करने का अनुरोध किया था।

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