Uttarakhand

एम्स ऋषिकेश में जांच के लिए सीबीआई टीम के पहुंचते ही मचा हड़कंप… जानिये पूरा मामला

ऋषिकेश एम्स में 4.41 करोड़ रुपये के स्वीपिंग मशीन और मेडिकल स्टोर घोटाले के मामले में सीबीआई की टीम ने शुक्रवार को तीसरी बार छापा मारा। इस दौरान टीम ने एम्स अधिकारियों से पूछताछ की और घोटाले से जुड़े दस्तावेज खंगाले। करीब 10 घंटे तक चली जांच के बाद सीबीआई की टीम ने कई फाइलें भी कब्जे में लीं। सीबीआई जल्द ही इस मामले में न्यायालय में चार्जशीट दाखिल करने जा रही है। घोटाले के आरोप में अभी तक आठ नामजद समेत एक अज्ञात के खिलाफ मुकदमा भी दर्ज किया जा चुका है।

टीम दस्तावेजों की जांच के साथ अधिकारियों से पूछताछ कर रही है। एम्स में पूर्व में चिकित्सा उपकरण, मेडिकल स्टोर आवंटन, कंकालों और दवाओं की खरीद, नियुक्तियों के मामले की जांच चल रही है। सीबीआई के डीएसपी की अगुवाई में सात सदस्यीय टीम एम्स पहुंची है। टीम ने पिछले साल 3 से 7 फरवरी को छापामारी की थी। फिर 22 मार्च को टीम पहुंची थी। जिसमें माइक्रोबायोलाजी विभाग के तत्कालीन अतिरिक्त प्रोफेसर बलराम जी ओमर, एनाटामी विभाग के तत्कालीन अध्यक्ष प्रोफेसर बृजेंद्र सिंह, तत्कालीन सहायक प्रोफेसर अनुभा अग्रवाल, प्रशासनिक अधिकारी शशिकांत, लेखाधिकारी दीपक जोशी और  प्रो-मेडिक डियाईसेस के स्वामी पुनीत शर्मा को नामजद किया गया था।

ये हैं आरोपी

– माइक्रोबायलॉजी विभाग के तत्कालीन प्रोफेसर बलराम जी ओमर, एनाटॉमी विभाग के तत्कालीन प्रोफेसर बृजेंद्र सिंह, तत्कालीन सहायक प्रोफेसर अनुभा अग्रवाल, प्रशासनिक अधिकारी शशिकांत, लेखाधिकारी दीपक जोशी, प्रो. मैडिक डिवाइसेस के स्वामी पुनीत शर्मा, त्रिवेणी सेवा फार्मेसी के मालिक पंकज शर्मा, शुभम शर्मा और एक अज्ञात।

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