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उत्तराखंड का एक ऐसा मंदिर, जहां दिन में 3 बार बदलता है माता की मूर्ति का रंग

देवभूमि उत्तराखंड में आपको ऐसे कई मंदिर देखने को मिलेंगे जिनका इतिहास काफी प्राचीन है और लोग की आस्था इन मंदिरों से जुड़ी हुई है. हम आपको ऐसे ही मंदिर पर लेकर आए है जो कि अल्मोड़ा से तकरीबन 36 किलोमीटर की दूरी पर है. मां स्याही देवी का मंदिर यह मंदिर पहाड़ की ऊंची चोटी में बसा हुआ है. स्थानीय लोगों के अनुसार, कत्यूरी राजाओं द्वारा इस मंदिर का निर्माण एक रात में किया गया था. मंदिर के चारों ओर घने जंगल होने की वजह से पहले से यहां पर शेर और बाघ दिखाई देते थे. श्रद्धालुओं ने बताया कि एक दिन में माता के तीन रंग देखने को मिलते है. जब सूर्य उदय होता है तो मां सुनहरे रंग में दिखाई देती है, दिन में मां का रूप काली का नजर आता है और शाम के वक्त मां सावले रंग में दिखाई देती है. आगे पढ़ें:

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जो भी श्रद्धालु सच्चे मन से माता के दरबार में आता है. वह इन चीजों को आभास कर पाता है. इस मंदिर में गणेश जी की मूर्ति भी देखने को मिलती है जो करीब 1254 की बताई जाती है. इसके अलावा मंदिर में भैरव और हनुमान जी आदि की मूर्ति स्थापित की गई है.मंदिर के पुजारी का कहना है की मंदिर काफी प्राचीन है. उन्होंने बताया कि 11वीं शताब्दी का यह मंदिर बना हुआ है. इस मंदिर का इतिहास गणेश जी की मूर्ति से पता लगाया जा सकता है. इस मंदिर में काफी संख्या में श्रद्धालु पहुंचते है. उन्होंने बताया कि मां के यहां तीन रूप देखने को मिलते हैं. जो भी सच्चे मन से आता है उनकी हर मनोकामना पूरी होती है. जब लोगों की मनोकामना पूरी हो जाती है तो लोग यह घंटी बांधते है या यहां फिर भंडारा आदि कराते है.

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