Uttarakhand

आज शाम 6.04 मिनट पर चंद्रमा की सतह पर उतरेगा लैंडर विक्रम, छात्र देखेंगे सीधा प्रसारण

भारत का चंद्रयान-3 आज चांद पर इतिहास रचेगा. भारत ही नहीं बल्कि दुनियाभर की नजरें हमारे चंद्र मिशन पर टिकी हुई हैं. आज शाम 6 बजकर 4 मिनट पर चंद्रयान-3 का विक्रम लैंडर चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर उतरेगा. इसके साथ ही भारत दुनिया का पहला देश बन जाएगा जो चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर पहुंच सका. भारत के चंद्रयान-3 की सबसे बड़ी खासियत ये है कि इस मिशन में केवल 600 करोड़ रुपये का खर्चा आया है. इसरो के इस ऐतिहासिक पल का साक्षी बनने के लिए आप चंद्रयान-3 की चंद्रमा पर लाइव लैंडिंग देख सकते हैं. इसके लिए इसरो आज यानी 23 अगस्त को शाम 5.20 बजे से सीधा प्रसारण करेगा.

इसरो का चंद्रयान-3 आज चांद के साउथ पोल पर लैंड करेगा जो चांद की जमीन का सबसे दुर्गम इलाका है। लेकिन चंद्रयान-3 ने लैंडिंग से पहले ही चांद के इस हिस्से की तस्वीरें भेज कर साबित कर दिया कि उसका लक्ष्य क्या है। इसरो के कमांड सेंटर में बैठे वैज्ञानिक अलर्ट मोड में हैं। उनकी निगाहें चंद्रयान-3 के लैंडर की हर मूवमेंट पर टिकी हुई हैं। वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बेंगलुरु के कमांड सेंटर से साढ़े 7 हजार किलोमीटर दूर दक्षिण अफ्रीका के जोहान्सबर्ग से पल-पल का अपडेट ले रहे हैं। पीएम मोदी इस समय दक्षिण अफ्रीका के दौरे पर हैं। वह 22 से 24 अगस्त तक दक्षिण अफ्रीका में आयोजित 15वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में भाग ले रहे हैं। जोहान्सबर्ग से ही वह इस ऐतिहासिक पल के साक्षी बनेंगे और चंद्र यांत्रिकी सफल लैंडिंग को वर्चुअली देखेंगे। इसके साथ ही वह इसरो के मिशन चंद्रयान के नौ रत्न से वर्चुअली बात भी करेंगे।

चांद पर लैंडिंग के आख़िरी 15 मिनट बेहद अहम होंगे। पहले स्टेप में जब चंद्रयान-3 लैंड करना शुरू करेगा तो उसकी स्पीड 1683 मीटर प्रति सेकेंड की होगी। इसी स्पीड पर उसे 7.4 किलोमीटर की ऊंचाई तक उतारा जाएगा। फिर लैंडर की स्पीड को घटाकर 375 मीटर प्रति सेकेंड किया जाएगा। यहां पर लैंडर विक्रम का ऑल्टिट्यूड होल्ड तय किया जाएगा यानी उसे झुकाया जाएगा। इसके बाद यान को 1300 मीटर की ऊंचाई तक लाया जाएगा। इसी हिसाब से चंद्रमा की सतह तक जाने की स्पीड धीरे धीरे कम होती रहेगी फिर 400 मीटर, फिर 150 मीटर और फिर 50 मीटर तक लाया जाएगा। आख़िर में 10 मीटर पर आने के बाद फाइनल लैंडिंग होगी। फाइनल टचडाउन पर लैंडर की स्पीड 2 मीटर प्रति सेकेंड तक हो जाएगी।

चंद्रयान-3 की कामयाबी का गवाह बनने के लिए देश के कई राज्यो में इतिहास में आज पहली बार शाम में एक घंटे के लिए स्कूल खुलेंगे। देश में चंद्रयान-3 की कामयाबी के लिए दुआओं का दौर भी जारी है। मंदिरों में हवन पूजन हो रहा है, मस्जिदों में दुआएं पढ़ी जा रही है और चर्च में प्रार्थना हो रही है। वहीं दुनियाभर के स्पेस साइंटिस्ट इसरो की इस कामयाबी में भविष्य देख रहे हैं।

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