Uttarakhand

अप्रैल से शुरू होगी उत्तराखंड की पहली हेली एंबुलेंस सेवा… पीएम मोदी कर सकते हैं शुभारम्भ

प्रदेश के पर्वतीय क्षेत्रों में आपदा और दुर्घटना में समय से इलाज न मिलने के कारण हर साल कई व्यक्ति अपनी जान से हाथ धो बैठते हैं। इसे देखते हुए प्रदेश सरकार ने बेहतर स्वास्थ्य सुविधा की तस्वीर खींची। स्थानीय स्तर पर स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करने के साथ ही हेली एंबुलेंस संचालित करने का निर्णय लिया गया। वर्ष 2016 में इस दिशा में पत्रावली बनानी शुरू की गई। दो साल पत्रावली को बनाने में लग गए। वर्ष 2018 में हेली एंबुलेंस संचालित करने का प्रस्ताव केंद्र को भेजा गया। दिसंबर 2018 में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन से इसके लिए आर्थिक मदद मिली।

इसके बाद 20 सितंबर 2022 को केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने दिल्ली में एक कार्यक्रम में विधिवत रूप से एम्स में हेली एंबुलेंस के संचालन की घोषणा की थी। हेली इमरजेंसी मेडिकल सर्विस के प्रभारी और हेली एंबुलेंस सेवा के नोडल अधिकारी डॉ. मधुर उनियाल ने बताया कि नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने हेली एंबुलेंस के संचालन के लिए कंपनी के साथ एक साल का टेंडर किया है। एम्स ऋषिकेश में अप्रैल के अंतिम सप्ताह तक प्रदेश का पहला हेली एंबुलेंस पायलट प्रोजेक्ट शुरू होने जा रहा है। केंद्रीय उड्डयन मंत्रालय ने हेली एबुलेंस के संचालन के लिए एक कंपनी से अनुबंध किया है। केंद्र और प्रदेश सरकार साझा रूप से उत्तराखंड और उत्तरप्रदेश में हेली एंबुलेंस सेवा का संचालन करेगी। सूत्रों के अनुसार, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी प्रोजेक्ट का उद्घाटन कर सकते हैं।

केंद्र और उत्तराखंड सरकार 50-50 फीसदी की साझेधारी में हेली एंबुलेंस सेवा का संचालन करेगी। अनुबंधित कंपनी एक महीने में 45 घायलों और मरीजों को निशुल्क हेली एंबुलेंस उपलब्ध कराएगी। उन्होंने बताया, हेली एंबुलेंस पूरे उत्तराखंड के साथ उत्तरप्रदेश के 100 किमी के दायरे में सेवा मुहैया कराएगी। अनुबंधित कंपनी एम्स को सिंगल इंजन वाला एक हेलीकॉप्टर मुहैया कराएगी। इसमें चिकित्सा संसाधन भी कंपनी लगाएगी। एम्स प्रशासन हेली एंबुलेंस के संचालन के लिए मेडिकल मानक संचालन प्रकिया (एसओपी) तैयार कर रहा है। हेली एंबुलेंस का पहले ट्रायल रन होगा। एम्स प्रशासन से हरी झंडी मिलने के बाद सेवा शुरू हो जाएगी।

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