Uttarakhand

जिसे राजनीति का क, ख नहीं मालूम वो हमारे प्रभारी, दिल्ली से बैठकर तुगलकी फैसले लेता है: प्रीतम सिंह

उत्तराखंड कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और दिग्गज नेता प्रीतम सिंह ने हाल में करन महारा की टीम यानि जिलों के जिला अध्यक्ष की नियुक्ति को लेकर हो रहे विवादों पर बड़ा बयान दिया है। प्रीतम सिंह ने सीधे तौर पर कहा कि क्योंकि स्वाभाविक बात है राष्ट्रीय नेतृत्व द्वारा प्रभारी प्रदेशों में नियुक्त किए जाते हैं और प्रभारियों से अपेक्षा की जाती है कि सबसे विचार विमर्श करने के उपरांत कार्य करने का काम करें लेकिन विधानसभा चुनाव के बाद उत्तराखंड कांग्रेस के प्रभारी नदारद हैं और दिल्ली से बैठकर तुगलकी निर्णय लेने का काम कर रहे हैं जो कदापि कांग्रेस के हित में नहीं है।

उन्होंने आगे कहा कि आपने देखा होगा कि समय समय पर उन लोगों का आक्रोश फूटने का काम उनके फैसलों पर हो रहा है ऐसे प्रभारी होने चाहिए जो राजनीतिक रूप से परिपक्व हो जिनको राजनीति का का ख ग ना पता हो अब वह हमारे प्रभारी हो गए हैं यह दुर्भाग्य है हमारा। वही प्रीतम सिंह ने साफ तौर पर कहा कि जो नए जिलाध्यक्ष बने हैं वह भी हमारे ही लोग हैं लेकिन समय समन्वय बनाने की जिम्मेदारी प्रभारी की होती है प्रभारी की कोई भूमिका नहीं रही और वह असफल रहे और वह चाहते हैं कि किस राज्य में भी दिल्ली जैसी कमोबेश स्थिति हो जाए।

पीसीसी में मीडिया कर्मियों से बातचीत में कहा, राष्ट्रीय नेतृत्व की ओर से राज्यों में प्रभारियों की नियुक्ति इसलिए की जाती है कि वह समन्वय बनाने का काम करेंगे। लेकिन, यहां तो प्रभारी कुछ और ही काम कर रहे हैं। वह राष्ट्रीय नेतृत्व को भी दिग्भ्रमित करने का काम कर रहे हैं। विधानसभा चुनाव के बाद से प्रभारी गायब हैं। अब दिल्ली में बैठकर तुगलकी फरमान जारी कर रहे हैं। कहा, उत्तराखंड में उनके कई फैसलों से कार्यकर्ताओं में आक्रोश है। कहा, उत्तराखंड में ऐसा प्रभारी भेजा जाना चाहिए, जो राजनीतिक रूप से परिपक्व हो।

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